
आप का भी कोई न कोई परिचय ज़रूर होगा ना .हाँ ! हो सकता है अभी वह थोडा छोटा हो ,मगर उस परिचय को बहुत महत्त्व पूर्ण बनाने के लिए आप कितने संघर्ष-रत हैं ,यह भला आप से बेहतर कौन जान सकता है भला ?खैर मैं आज जिस टॉपिक पर बात करने जा रहा हूँ- हो सकता है वह आप को मेरे ब्लॉग पर नया- सा लगे मगर आप को अच्छा ज़रूर लगेगा.दर -असल मैं बात कर हूँ,
कलर्स टेलीविजन पर शुरू हुए नए धारावाहिक "परिचय" की .दर असल यह धारावाहिक एक ऐसे वकील श्री कुणाल चोपड़ा की डायरी है ,जो अगर चाहता तो अपने परिचय को इतना विस्तृत कर देता की सारे हिन्दुस्तान का आसमान उस को समेट नहीं पाता.मगर कुणाल के लिए इसे परिचय का कोई महत्त्व जो झूंठ और चालाकियों के दम पर मिला हो.वह तो सिर्फ सच और सिर्फ सच के साथ अपना परिचय दुनिया के सामने देना चाहता है,न जाने क्यों उस का मन झूंठे परिचय की ओर आकर्षित नहीं होता ?बहुत ही कम ऐसे लोग दिखते हैं इस दुनिया में .
आप एक बार देखिये तो सही . मुझे विश्वास है- आप को कुणाल की कहानी अपनी- सी लगेगी .
शुरू में तो सब सीरियल ठीक रहते हैं पर कहानी आगे बढ़ते ही वे फिसड्डी हो जाते हैं और दर्शकों को पकाना शुरू कर देते हैं.
जवाब देंहटाएंnishant sir
जवाब देंहटाएंaap ne theek hi kaha magar sir jab tak theek lage tab tak to dekh hi sakte hain